देवास: एक जवाबदार व्यक्ति ने अपने हीमोग्लोबिन की जांच जिला चिकित्सालय सहित संचालित संजीवनी क्लीनिक के साथ विभिन्न निजी पैथोलॉजी पर जाकर अपने ब्लड की जांच कराई नो जगह जांच करने के बाद पाया कि सरकारी निजी पैथोलॉजी लैब या डायग्नोस्टिक सेंटर पर जो ब्लड सैंपल की रिपोर्ट दी गई उसमें सभी जगह हीमोग्लोबिन अलग-अलग दर्शाया गया है यह तो एक जिम्मेदार व्यक्ति के साथ हुआ है। इस तरह की घटनाएं शहर के उन हजारों बीमार व्यक्तियों के साथ भी घट रही होगी जो इन सरकारी एवं गैर सरकारी पैथोलॉजी पर अपने खून की जांच करा रहे हैं आखिर इनका जवाबदारी कौन होगा जब भी कोई बीमार व्यक्ति डॉक्टर को दिखाता है तो सबसे पहले उस की ब्लड टेस्ट सहित अनेक जांच कराई जाती है उसके बाद डॉक्टर के द्वारा इलाज शुरू किया जाता है अगर इस तरह की गलत रिपोर्ट मरीज को मिलेगी तो फिर डॉक्टर मरीज का इलाज रिपोर्ट के आधार पर करेगा तो बीमार ठीक कब होगा, ऐसे अनेक प्रश्न है जो आज सरकारी एवं गैर सरकारी पैथोलॉजी पर आम नागरिकों के उठ रहे हैं। शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मनोज राजानी व कार्यकारी अध्यक्ष प्रवक्ता सुधीर शर्मा ने बताया कि यह बहुत ही गंभीर विषय है कि अनेक पैथोलॉजी पर जांच करने के बाद हर पैथोलॉजी की रिपोर्ट में अलग-अलग दर्शाया गया है कि संबंधित व्यक्ति के ब्लड में हीमोग्लोबिन कितना है ।हमारी कलेक्टर से मांग है की सबसे पहले वह इन पैथोलॉजी पर देखें कि इन पैथोलॉजी का संचालन कौन कर रहा है और कौन पैथोलॉजिस्ट रिपोर्ट तैयार कर रहा है यह जांच जिला चिकित्सालय,संजीवनी क्लिनिक एवं निजी क्लीनिक की पर की जाना चाहिए की एच बी मीटर में तो कोई समस्या नहीं है या सैंपल लेने वाले से कोई गड़बड़ी हो रही है या एग्जामिन करने वाले से कोई त्रुटि हो रही है। यह जनजीवन से जुड़ा मुद्दा है और इस पर कलेक्टर श्री ऋतुराज सिंह ने तत्काल संज्ञान लेना चाहिए जहां भी इस तरह की गड़बड़ी अगर पाई जाती है तो फिर वह जिला चिकित्सालय हो या संजीवनी क्लिनिक या निजी पैथोलॉजी कानून के अनुसार कार्रवाई होना चाहिए।
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