परमात्मा विश्व कल्याण की भावना लेकर अवतरित होते हैं- जिनसुंदर सुरी जी,,,
श्री पार्श्वनाथ प्रभु प्रतिमा गृह स्थापना अनुष्ठान संपन्न
12 मार्च को की जाएगी डुंगर उपर फागणी तेरस यात्रा
देवास। अरिहंत परमात्मा का अवतरण जगत के प्राणी मात्र के कल्याण की भावना को लेकर ही होता है। परमात्मा जहां भी जाते हैं वहां कल्याण ही होता है। इसीलिए प्रभु के जन्म एवं मोक्ष गमन आदि को कल्याणक कहा जाता है। आज ऐसे अरिहंत प्रभु श्री पार्श्वनाथ भगवान हमारे घर पर आ रहे हैं। यह प्रभु की प्रतिमा नहीं स्वयं प्रभु ही है। प्रभु ने हमें जो सत्य, अहिंसा, प्राणियों के प्रति प्रेम, राग द्वेष मुक्त जीवन एवं भक्ति भावना का मार्ग बताया है। हम उसी का अनुसरण करते हुए प्रभु के समान वितरागी बन सकते हैं। प्रभु को घर पर स्थापित करने का यही मुख्य उद्देश्य है। मन के संपूर्ण शुद्ध भावों से की गई प्रभु की भक्ति हमें मोक्ष दिलाने का अमोघ साधन है। यह बात भव्य जिनेन्द्र भक्ति अनुष्ठान के अंतर्गत आचार्य श्री जिनसुंदर सुरीश्वरजी एवं धर्मबोधि सुरीश्वरजी ने अहिंसा भवन परिसर में कही। पूज्यश्री के सानिध्य में श्री पार्श्वनाथ प्रभु प्रतिमा गृह स्थापना अनुष्ठान का भव्य समारोह आयोजित किया गया।इस अवसर पर सैकड़ों समाजजनों ने पार्श्वनाथ प्रभु की प्रतिमा का पूजन अनुष्ठान किया। अष्ट प्रकारी पूजन की गई। श्रद्धालुओं ने पूजन पश्चात प्रभु प्रतिमा को अपने घरों में स्थापित किया। भक्ति भावना से परिपूर्ण इस आयोजन में श्रद्धालु झूमते, नाचते, गाते रहे। भक्ति संगीत की प्रस्तुति विजय जैन एवं गौरव जैन भोमियाजी ने दी। इस अवसर पर विलास चौधरी, अशोक जैन मामा, शैलेन्द्र चौधरी, अजय मूणत, भरत चौधरी, राकेश तरवेचा, अतुुल जैन, दीपक जैन, अशोक जैन, संजीव चौधरी, संजय कटारिया, राजेन्द्र जैन, मुकेश चौधरी, विशाल जैन, अरूण मूणत, विनय जैन, जितेन्द्र मेहता,मदन जैन सहित बड़ी संख्या में समाजजन उपस्थित थे। 12 मार्च बुधवार को सुबह 6 बजे टेकरी स्थित श्री शत्रुंजयावतार आदेश्वर मंदिर पर फागणी तेरस यात्रा की जाएगी। तत्पश्चात 9.15 बजे से शत्रुंजय महातीर्थ की भव्य संगीतमय डिजीटल स्क्रीन के माध्यम सेे फागणी भाव यात्रा पूज्यश्री केे सानिध्य में की जाएगी। पाल साधर्मिक भक्ति का भी आयोजन होगा। 13 मार्च गुरूवार को छोटे बच्चों के प्रभु पूजन अनुष्ठान का विशेष कार्यक्रम आयोजित होगा। प्रतिदिन रात्रि 8 बजे पुरूष वर्ग के लिये पूज्यश्री के प्रवचन हो रहे हैं।
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