महिला दिवस: सेवानिवृत्ति के बाद समाज सेवा करना मेरा मुख्य उद्देश्य- रश्मि पाण्डेकर
देवास। जिला अस्पताल में ईमानदारी पूर्वक सेवा देने के बाद से रश्मि पाण्डेकर ने समाज सेवा को अपना मूल उद्देश्य बनाया। श्रीमती पाण्डेकर ने जिला अस्पताल में सेवा देते हुए मरीजों को अपना परिवार सदस्य मानकर नि:स्वार्थ भाव से सेवाएं दी। श्रीमती पाण्डेकर ने नारी शक्ति, महिला सशक्तिकरण के लिए कार्य किया। श्रीमती पाण्डेकर अब तक कई दायित्वों पर रहकर सेवाएं दे चुकी है। श्रीमती पाण्डेकर एक कॉलेज में मेट्रन की सेवाएं दे रही है। साथ ही नर्सो व डॉक्टरों का सुपरविजन करके अपने अनुभव साझा करती है। मरीजो की देखभाल भी करती है। जनहित में उत्कृष्ट कार्य करने वाली श्रीमती पाण्डेकर राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित भी हो चुकी है। श्रीमती पाण्डेकर ने महिलाओं को आगे बढ़ाने तथा उनके साथ समाज में हो रहे अत्याचार के प्रति आवाज उठाने के लिए जागरूक किया। श्रीमती पाण्डेकर बताती है कि नारी शक्ति, सम्मान, गौरव, अभिमान है। नारी लक्ष्मी, सरस्वती और मां दुर्गा का अवतार है। नारी शक्ति के बगैर कोई मनुष्य बड़ा या बुजुर्ग नहीं हो सकता है। उनके बगैर भरण-पोषण अथवा बाल्यावस्था से बुजुर्ग अवस्था भी संभव नहीं है। इसलिए हर एक को नारी शक्ति का सम्मान करना चाहिए। एक दूसरे का संबल बनकर आगे बढ़ सकते हैं तथा हमारे अंदर वह शक्ति है, जिससे हम सभी महिलाएं एक दूसरे का साथ देकर आत्मनिर्भर होकर समाज में अपनी पहचान बना सकती हैं। श्रीमती पाण्डेकर ने नगर सहित जिले की महिलाओं को महिला दिवस की शुभकामनाएं दी।
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