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एक्टिव, पॉजिटिव,सेंसेटिव, अट्रेक्टिव है सफल जीवन की चार सीढि़यां- जिनसुंदर सुरीजी

एक्टिव, पॉजिटिव,सेंसेटिव, अट्रेक्टिव है सफल जीवन की चार सीढि़यां- जिनसुंदर सुरीजी

देवास। जीवन एक्टिव बनाना, मन को पॉजिटिव बनाना, हृदय को सेंसेटिव बनाना और केरेक्टर को अट्रेक्टिव बनाना यही सफल जीवन की चार सीढि़यां है। यदि आपको प्रभु एवं पुण्य कृपा से शक्ति, सामर्थ्य, शरीर, संपत्ति मिली है तो इसका सद्उपयोग सद्कार्यो में करके हम हमारे जीवन को एक्टिव बना सकते हैं। क्योंकि  हमें प्राप्त सुविधाओं का दुरूपयोग करने से प्रकृति हमसे वह सामग्री छीन लेती है। सामर्थ्य होते हुए दान नहीं दिया तो संपत्ति जा भी सकती है। गलत मार्ग को छोड़कर सही मार्ग पर एक्टिव बनना यही जीवन का मुख्य उद्देश्य होना चाहिये। हमारे पाप कर्मो को छोड़कर पुण्य कर्मो की ओर जीवन को मोड़कर यह जन्म एवं आगामी जन्म दोनों सुधार सकते हैं। सुखी जीवन में अंश मात्र भी दुख आने पर हम व्यथित हो जाते हैं। इसलिए शेष सुख से भरे जीवन का सही आनंद प्राप्त नहीं कर सकते। दो रातों के बीच में दिन आता है यह नकारात्मक सोच है। सकारात्मक सोच है दो दिनों के बीच सिर्फ एक ही रात आती है। संसार में प्लस देखेंगें तो सुख का अनुभव होगा मायनस देखेंगे तो रोते रहेंगे। अपने से अधिक दुखी की तरफ दृष्टि डाले तो हमें हमारा दुख तुच्छ सा लगने लगेगा। किसी के दुख को देखकर मन दुखी हो जाए यही हृदय का संवेदनापूर्ण भाव हैं। उसकी सहायता के लिए सदैव हमारे हाथ उठना चाहिये। किसी के दुख में भागीदार बनो और अपने सुख में किसी को साथीदार बनाओ। हृदय का यही संवेदनपूर्ण भाव प्रभु प्राप्ति का सीधा सा मार्ग है। अपने चारित्र को इतना आकर्षक बनाना है कि हम संसार के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन जाएं। आकर्षक चारित्र हमें महापुरूषों के क्रम में लाने का सामर्थ्य रखता है। यह बात विशाल धर्मसभा को उपदेशित करते हुए आचार्य श्री जिनसुंदर सुरीश्वरजी एवं धर्मबोधि सुरीश्वरजी ने श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर में कही। प्रवक्ता विजय जैन ने बताया कि 10 मार्च को सुबह 9.15 बजे पुष्य नक्षत्र के शुभ योग में आचार्य वीररत्न सामायिक मंडल का स्थापन होगा। जिसके अंतर्गत पुरूष वर्ग द्वारा सामायिक करते हुए साधु जीवन का आचरण किया जाएगा। 12 मार्च बुधवार को सुबह 6 बजे टेकरी स्थित श्री शत्रुंजयावतार आदेश्वर मंदिर पर फागणी तेरस यात्रा की जाएगी। तत्पश्चात 9.15 बजे से शत्रुंजय महातीर्थ की भव्य संगीतमय फागणी भाव यात्रा पूज्यश्री केे सानिध्य में की जाएगी। पाल साधर्मिक भक्ति का भी आयोजन होगा। प्रतिदिन रात्रि 8 बजे पुरूष वर्ग के लिये पूज्यश्री के प्रवचन हो रहे हैं।

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