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साहित्य और संस्कृति के प्रति जुड़ाव ही प्राथमिकता,,मध्यप्रदेश लेखक संघ का आंचलिक सम्मेलन में प्रदेशाध्यक्ष

साहित्य और संस्कृति के प्रति जुड़ाव ही प्राथमिकता
मध्यप्रदेश लेखक संघ का आंचलिक सम्मेलन में प्रदेशाध्यक्ष
देवास। मध्यप्रदेश लेखक संघ अपनी 50 इकाइयों के साथ प्रदेश भर में साहित्य और संस्कृति के प्रति जुड़ाव को लेकर संकल्पित है, मध्यप्रदेश लेखक संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेन्द्र गट्टानी ने देवास इकाई द्वारा आयोजित आंचलिक साहित्यकार सम्मेलन में यह बात कही। इस अवसर पर ख्यातिलब्ध कवि एवं देवास इकाई के संरक्षक शशिकांत यादव ने अपने उद्बोधन में मध्यप्रदेश लेखक संघ की प्रदेशव्यापी गतिविधियों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह साहित्यिक क्षेत्र में कार्य रहा प्रदेश का सबसे बड़ा संगठन है। उन्होंने नये और युवाओं को जोड़ने के साथ ही प्रतिमाह गोष्ठी आयोजित करने के साथ जिला इकाई को हर तहसील में लेखक संघ इकाई स्थापित करने हेतु निर्देशित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मध्यप्रदेश लेखक संघ के संरक्षक डॉ. राम वल्लभ आचार्य ने की। सारस्वत अतिथि ऋषि श्रृंगारी, विशिष्ट अतिथि उज्जैन से पधारे डॉ. शिव चौरसिया थे । इसके साथ मध्यप्रदेश लेखक संघ की इंदौर इकाई के अध्यक्ष डॉ. प्रभु त्रिवेदी, वरिष्ठ साहित्यकार हरेराम बाजपेयी, उज्जैन इकाई के अध्यक्ष डॉ. हरि मोहन बुधौलिया, प्रदेश मंत्री मनीष बादल की विशेष उपस्थिति रही। सर्वप्रथम मंचासीन अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती का पूजन अर्चन कर दीप प्रज्ज्वलन किया गया। कनिष्का भावसार द्वारा माँ सरस्वती की सुंदर वंदना की गई। इकाई संरक्षक शशिकांत यादव द्वारा सभी अतिथियों को शॉल, माला व कलम भेंट कर स्वागत किया गया। वरिष्ठ नागरिक संस्था देवास की ओर से भी संस्था अध्यक्ष ओमप्रकाश पाराशर, गंगासिंह सोलंकी व श्री कानूनगो द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया। प्रदेश समिति द्वारा निवृत्तमान अध्यक्ष डॉ. मनोरमा जैन को आंचलिक साहित्यकार सम्मान से अलंकृत किया गया। साथ ही देवास इकाई के नव नियुक्त अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह राजपूत हमसफर और सचिव युवा शायर जय प्रकाश जय का स्वागत किया गया। विशिष्ट अतिथि डॉ. शिव चौरसिया ने कहा कि आज के कार्यक्रम ने पुराने युग की याद दिला दी, देवास में गोष्ठियों का बहुत गौरवशाली इतिहास रहा है। डॉ. रामवल्लभ आचार्य अपने आशीर्वाद में नवनियुक्त अध्यक्ष व सचिव को बधाई दी व मध्यप्रदेश लेखक संघ की गतिविधियों की जानकारी दी। इसके पश्चात दोपहर में प्रारंभ हुई काव्यगोष्ठी में मंचीय अतिथियों के अतिरिक्त 28 कवि-कवियित्रियों ने अपनी एक से बढ़कर एक रचनाओं से सबको आनंदित और भाव विभोर किया । गोष्ठी दोपहर में प्रारम्भ होकर संध्या साढ़े सात बजे तक चली। डॉ.शिव चौरसिया, ऋषि श्रृंगारी, हरे राम बाजपेई, डॉ. हरी मोहन बुधौलिया , प्रभु त्रिवेदी, राजेन्द्र गट्टानी, मनीष बादल, पूजा कृष्णा, दादा देवकृष्ण व्यास, शशिकांत यादव, विनोद मण्डलोई, डॉ. मनोरमा जैन , डॉ अजित जैन, डॉ. मोहन वर्मा, दीपक शिशलकर, सुनील गाइड, साधना टोककर, आरती अक्षय गोस्वामी, ओम यादव, मोइन खान, मनोज दुबे, बलराम बल्लू , राजेश चौधरी, दिलीप मांडलिक, विजय जोशी, अम्बाराम चावड़ा, मनोहर कराड़ा ,अमरप्रीत खनूजा, मनन दीक्षित, कनिष्का भावसार, जय प्रकाश जय , सुरेन्द्र श्हमसफरश् आदि कवियों के काव्यपाठ कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाया। कार्यक्रम का सफल संचालन सुनील गाईड ने किया , आभार जय प्रकाश जय ने माना।

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